Kaan ki Machine – कुछ लोगों को जन्म से ही सुनने में दिक्कत होती है तो कुछ लोगों को समय के साथ हियरिंग लॉस की समस्या होने लगती है। जिसे हिन्दी भाषा में बहरापन बोला जाता है। इसके कारण लोगों को किसी से संवाद करने में, किसी की बात को भली-भांति समझने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके बहुत से लोगों को बहरेपन और कान संबंधी बीमारियों के बार में नहीं पता होता। इस समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु ही 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) भी मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को ईयर रिलेटेड डिजीज (ear related diseases) के बारे में जानकारी देना है। क्योंकि यदि कम सुनने या अन्य कान की बीमारी का ठीक समय पर पता लगा लिया जाए, तो बहरेपन से बचा जा सकता है। 

आज मार्केट में कम सुन पाने एवं बहरेपन की समस्या को कम करने के लिए कई हियरिंग एड्स डिवाइस एंड एक्सेसरी (Hearing Aids Device & Accessories) मौजूद हैं। इन उपकरणों की मदद से सुनने की क्षमता को बेहतर किया जा सकता है। हियरिंग एड को हिंदी एवं सरल भाषा में कान की मशीन कहते हैं। आइए जानतें हैं, हियरिंग एड क्या है? हियरिंग एड लगाने के फायदे क्या हैं? कान की मशीन को कहां लगाया जाता है? हियरिंग एड कैसे काम करता है?

क्या है हियरिंग एड – कान की मशीन?

हियरिंग एड या कान की मशीन बैटरी की सहायता से चलने वाला एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो व्यक्ति की सुनने की क्षमता में बढ़ोतरी करता है। 

हियरिंग एड (कान की मशीन) को कैसे पहना जाता है?

कान की इस मशीन या उपकरण को कान के पीछे या अंदर पहनना होता है। कान के यह उपकरण छोटे होने की वजह से हर किसी को दिखाई भी नहीं देते। साथ ही लोगों की सुनने की क्षमता को बेहतर बनाते हैं।

कान की मशीन कैसे काम करती है?

दरअसल कान की इस मशीन में एक छोटा सा माइक्रोफोन लगा होता है। जो वातावरण एवं अपने आस-पास की ध्वनियों को एकत्र करता है। फिर इस हियरिंग एड में लगा स्मॉल एम्लीफायर उन ध्वनियों को पहले से तेज करता है। इसके बाद रिसीवर उन सभी ध्वनियों और आवाजों को कान में भेजता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद व्यक्ति को कोई आवाज सुनाई देती है।

कितने तरह की होती है कान की मशीन?

हियरिंग एड या कान की मशीन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं। 

एनालॉग हियरिंग एड:

यह मशीन ध्वनि तरंगों (sound waves) को विद्युत संकेतों (electric signals) में बदलकर, आवाज को तेज करती है। यह कान की मशीन सस्ती होती है। और आसानी से इस्तेमाल में लाई जा सकती है।

डिजिटल हियरिंग एड: 

यह मशीन ध्वनि तरंगों (sound waves) को (numerical codes) में बदलकर, उनकी आवाज में बढ़ोती करती है। इन कोड्स में आवाज की वॉल्यूम, पिच और दिशा के बारे में तकनीकी जानकारी होती है। इसे व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से बढ़ा या कम कर सकता है। कान की यह मशीन एनालॉग हियरिंग एड से थोड़ी महंगी होती है। पर इसके रिजल्ट उससे बेहतर होते हैं।

हियरिंग एड की शैलियां

इन-द-कैनल: 

कान की यह मशीन (In the canal), कान के अंदर पूरी तरह फिट बैठती है। देखने में यह बेहद छोटी होती है। इसलिए यह सामने वाले व्यक्ति को जल्दी से दिखती भी नहीं है।

बिहाइंड-द-ईयर:

इस हियरिंग एड को बिहाइंड द इयर (कान के पीछे) लगाया जाता है। इसमें लगा प्लास्टिक केस कान के बाहरी हिस्से पर ठीक बैठता है। कान की यह मशीन सब मशीनों में सबसे आम है। इसलिए इसका उपयोग अधिकांश लोग करते हैं।

इन-द-ईयर:

कान की यह मशीन(In the ear), कान के शुरुआती बाहरी हिस्से पर लगाई जाती है। इस मशीन को पीछे से नहीं देखा जा सकता। पर साइड से देखने पर इसको देखा जा सकता है।

हियरिंग एड यूज करने के फायदे

जिन लोगों को सामान्य से कम सुनाई देता है या जो लोग कम सुनने की दिक्कत का सामना कर रहे हैं, उन लोगों के लिए हियरिंग एड्स (कान की मशीन) का उपयोग करना सहुलियत भरा होता है। हियरिंग एड्स का इस्तेमाल करके वातावरण में मौजूद ध्वनियों एवं आवाजों को सुना जा सकता है, लोगों के साथ सफल संवाद किया जा सकता है। इन हियरिंग एड्स की मदद से रेडियो, टीवी जैसे मनोरंजन वाले माध्यमों की आवाजों को सुना जा सकता है, इसकी मदद से हियरिंग लॉस से ग्रस्त व्यक्ति सरलता से फोन पर भी बात कर सकते हैं।

कैसे करें हियरिंग एड की देखभाल?

हियरिंग एड को लंबे समय तक उपयोग करने के लिए, उसकी देखरेख करना जरूरी हो जाता है। अन्यथा यह बीच में ही काम करना बंद कर सकते हैं। इसलिए कुछ इस तरह कान की मशीन की देखभाल करें।

  • 1. हियरिंग एड को बच्चों एवं पालतू पशुओं से दूर रखें।
  • 2. हियरिंग एड को तेज गर्मी और नमी से बचा कर रखें।
  • 3. बताए गए निर्देशानुसार नियमित समय पर हियरिंग एड को साफ करें।
  • 4. अपनी आवश्यता के अनुसार ठीक समय पर हियरिंग एड की बैटरी बदलें।
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क्या होती है हियरिंग एड की कीमत?

आज मार्केट में कई तरह के हियरिंग एड मौजूद हैं। इनकी कीमत उनके ब्रांड, मॉडल और फीचर्स के आधार पर अलग-अलग है। इसके अलावा हियरिंग एड या कान की मशीन की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि, किस व्यक्ति को कितने क्षमता वाले हियरिंग एड की जरूरत है। उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति को कम क्षमता वाली कान की मशीन की आवश्यकता है तो उसकी कीमत भी कम होगी। वहीं, अगर किसी व्यक्ति को बेहद कम सुनाई देता है तो निश्चित ही उसे ज्यादा पावर वाले हियरिंग एड की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में उसकी कीमत भी कम पावर वाले हियरिंग एड की तुलना में ज्यादा होगी।

ऐसे में अगर हियरिंग एड की न्यूनतम और अधिकतम कीमत की बात करें तो भारत में इसकी कीमत 3-4 हजार से लेकर 50-60 हजार तक हो सकती है। जिसकी हम पुष्टि नहीं करते।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQS)

हियरिंग एड कितने प्रकार के होते हैं?

आमतौर पर हियरिंग एड दो प्रकार के होते हैं। 

(i)एनालॉग हियरिंग एड: यह मशीन ध्वनि तरंगों (sound waves) को विद्युत संकेतों (electric signals) में बदलकर, आवाज तेज करते हैं।

(ii) डिजिटल हियरिंग एड: यह मशीन ध्वनि तरंगों (sound waves) को (numerical codes) में बदलकर, उनकी आवाज में बढ़ोती करती हैं।

इसके अलावा हियरिंग एड की कुछ शैलियां भी होती है। जोकि इस तरह हैं। 

इन-द-कैनल: 

इस हियरिंग एड को कान के अंदर लगाया जाता है। देखने में यह बेहद छोटा होता है।

बिहाइंड-द-ईयर:

इस हियरिंग एड को कान के पीछे पहना जाता है। सभी हियरिंग एड्स में यह सबसे आम है। इसलिए इसका उपयोग अधिकांश लोग करते हैं।

इन-द-ईयर:

इसको कान के शुरुआती बाहरी हिस्से पर लगाया जाता है। इस मशीन को पीछे से नहीं देखा जा सकता। पर साइड से देखने पर यह दिखाई देता है।

हियरिंग एड का उद्देश्य क्या है?

हियरिंग एड का उद्देश्य लोगों में सुनने की कमजोर होती क्षमता को बढ़ाना है। ताकि जो लोग कम सुन पाने की समस्या से ग्रस्त है। उनकी समस्या को कम करके, श्रवण शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

हियरिंग एड का क्या काम होता है?

हियरिंग एड का काम लोगों की कम होती श्रवण शक्ति को बेहतर करना है। जिससे वह लोग वातावरण में मौजूद ध्वनियों को, रेडियो, टीवी जैसे मनोरंजन वाले माध्यमों की आवाजों को आसानी से सुन सकें, किसी अन्य व्यक्ति से सरलता से फोन या आमने-सामने बात कर सकें।

हियरिंग एड की कीमत कितनी है?

आज मार्केट में कई तरह के हियरिंग एड मौजूद हैं। इनकी कीमत उनके ब्रांड, मॉडल और फीचर्स पर निर्भर करती है। इसके अलावा हियरिंग एड या कान की मशीन की कीमत इस बात पर भी निर्भर करती है कि, किस व्यक्ति को कितने क्षमता वाले हियरिंग एड की जरूरत है। ऐसे में अगर हियरिंग एड की न्यूनतम और अधिकतम कीमत की बात करें तो भारत में इसकी कीमत 3-4 हजार से लेकर 50-60 हजार तक हो सकती है। पर इसकी हम पुष्टि नहीं करते।

हियरिंग एड कब लगाएं?

जब किसी व्यक्ति को सुनने में लगातार तकलीफ महसूस होने लगे, जिन लोगों की बढ़ती उम्र के कारण उनकी श्रवण क्षमता कम होने लगी हो। वे लोग डॉक्टर के द्वारा बताए गए हियरिंग एड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

हियरिंग एड के क्या नुकसान हैं?

एक साथ लंबे समय तक हियरिंग एड लगाने से काम में खुजली एवं जलन की समस्या हो सकती है। वहीं, इसका अनुचित इस्तेमाल भी श्रवण क्षमता को बेहतर करने की बजाएं पहले से और कम कर सकता है।

बहरापन का सबसे अच्छा इलाज क्या है?

बहरापन का सबसे अच्छा इलाज उसके कारण और प्रकार पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को कान की सफाई करने से ही ठीक से सुनने लग जाता है। वहीं, कुछ लोगों को ठीक से सुनने के लिए कान की मशीन या हियरिंग एड की आवश्यकता पड़ती है तो कुछ लोगों को कान की सर्जरी तक करानी पड़ती है।

बुढ़ापे के लिए कौन सा हियरिंग एड सबसे अच्छा है?

जो लोग बढ़ती उम्र के साथ गंभीर श्रवण हानि का सामना कर रहे हैं। वे लोग हियरिंग एड की विभिन्न शैलियों (इन-द-कैनल, बिहाइंड-द-ईयर, इन-द-ईयर) में से अपनी आवश्यकता अनुसार किसी भी प्रकार पर विचार कर सकते हैं। इसके अलावा बेहतर हियरिंग एड के लिए आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

 

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